हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام المهدی عجل الله تعالی فرجه الشريف
فَما أرْغَمُ أنْفُ الشَيْطانَ بِشَى ءٍ مِثْلَ الصَّلاةِ، فَصَـلِّها وَ أرْغَـمْ أنْـفَ الشَّـيْطانَ
हज़रत इमाम ए ज़माना अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
नमाज़ के जैसी किसी चीज़ से शैतान की नाक ज़मीन पर रगड़ी नहीं जाती बस नमाज़ को कायम करो और शैतान की नाक को जमीन पर रगड़ो,
बिहारूल अनवार,53/182